माल सीएचसी पर डॉक्टर मरीजों को लिख रहे बाहर की दवाएं व जांचें
लखनऊ। माल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रत्येक मरीज को बाहर से जांच व दवाई लिखना आम बात हो गई है। वही सीएचसी अधीक्षक ने भरपूर दवाई व सभी जांचे अस्पताल में होने का दावा कर रहे हैं। बावजूद इसके माल समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर सजे मेडिकल स्टोर व पैथालोजी में सैकड़ों मरीजो को प्रतिदिन दवा व जांच के नाम पर डॉक्टरों द्वारा भेजा जाता है।
माल क्षेत्र से अस्पताल आये एक पिता ने बताया कि अपने बेटे शानू को दिखाने आये थे डॉक्टर ने बाहर से जांचे व दवाई लिख दी है। हमारे पास इतना पैसा भी नही है
...लखनऊ। माल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रत्येक मरीज को बाहर से जांच व दवाई लिखना आम बात हो गई है। वही सीएचसी अधीक्षक ने भरपूर दवाई व सभी जांचे अस्पताल में होने का दावा कर रहे हैं। बावजूद इसके माल समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर सजे मेडिकल स्टोर व पैथालोजी में सैकड़ों मरीजो को प्रतिदिन दवा व जांच के नाम पर डॉक्टरों द्वारा भेजा जाता है।
माल क्षेत्र से अस्पताल आये एक पिता ने बताया कि अपने बेटे शानू को दिखाने आये थे डॉक्टर ने बाहर से जांचे व दवाई लिख दी है। हमारे पास इतना पैसा भी नही है कि दवाई खरीद सके। वही सूत्रों के मुताबिक मेडिकल स्टोर व डॉक्टरों के बीच मेडिकल रिप्रजेंटेटिव डील करवाकर मनचाही दवाये ऊँचे दामो पर बेचते है। इस बारे में अधीक्षक डॉक्टर अरूण चौधरी ने बताया कि अस्पताल स्टोर में सभी दवाये पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है सभी दवाएं मरीजो को निःशुल्क वितरित की जाती है। सभी जांचे भी बिना किसी शुल्क के होती है।
वहीं सूत्रों की मानें तो इन डॉक्टरों द्वारा जो भी दवाइयां मरीजों को बाहर से लिखी जाती हैं वह सारी दवाइयां पॉलिथीन में लेकर दोबारा फिर डॉक्टर को मरीज दिखाते हैं जबकि स्वास्थ्य केंद्र के अंदर सीसीटीवी कैमरा भी लगा है लेकिन यह सब इतनी सुविधा होने के बावजूद भी कोई जिम्मेदार नहीं देख पा रहा है। और डॉक्टर अपने कमीशन के चक्कर में मरीज को महंगी महंगी दवाइयां बाहर से लिखने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं यहां तक की जांच करने के लिए भी डॉक्टर बाहर प्राइवेट में कहां कराना है। यह तक मरीज को बता देते हैं।
इतना ही नहीं दवा की कंपनियों के एजेंट आते हैं और डॉक्टर के पास में बैठकर बात करते हैं कि यह हमारी कंपनी की दवा लिखिए जो आपका होगा वह मिलेगा और कहां रखना है अभी बता देते हैं वहीं जांच करने वाले प्राइवेट पैथोलॉजी के लोग भी जाते हैं। हमारे पैथोलॉजी को भेज कर जांच करने की बात कहते हैं इसके बाद भी उसमें भी मिलता है कमीशन इस तरह से जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।जिसका परिणाम इलाके की भोली भाली जनता को भुगतना पड़ रहा है।
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